किनारे पे गिरा पड़ा था वो,
ऐसे नहीं होनी थी उसकी मौत.
किसी ने,
बेवजह मार गिराया था उसे
या कोई बड़ी वजह रही हो,
या कोई बड़ी वजह रही हो,
जैसे,
रास्ता कम पड़ा होगा किसी की highway रफ़्तार के लिए,
रास्ता कम पड़ा होगा किसी की highway रफ़्तार के लिए,
या,
कोई तूफ़ान, नयी फसलों की सोच का.
जड़ तक को भी निकाल दिया था.
पहले,
शायद,
बहुत देर तक.
ज़मीन खोदी गयी थी उसकी,
उसकी जड़ों पे बैठ के.
इक परिंदा कोइ उदास गीत गा रहा था.
चला जायेगा ये भी
किसी नये पेड़ की खोज में
रह जाएगी तो बस समतल सपाट खोखली ज़मीन
कोइ निशां तक न होगा,
चला जायेगा ये भी
किसी नये पेड़ की खोज में
रह जाएगी तो बस समतल सपाट
कोइ निशां तक न होगा,
कि कोई यहाँ पे कभी रहा होगा.
और इस तरह.
नयी पीढ़ी के पंछी न जान पायेंगे,
और न ही 'वो पंछी' दे पायेगा गवाही...
...अगर रहा तो.
पेड़ बचाओ , जीवन पाओ
जवाब देंहटाएंbahut achha hai
जवाब देंहटाएंPata nahi kyun, par yun lag raha hai ki mujhe apne jadon ki shakla dekhni chahiye, par kya khodna uske liye jaroori hoga???
जवाब देंहटाएंyahi....ho raha hai aajkal...log growth ke liye...Kill karkey padhte hai aage.....nahi kaanpte haath zara bhi....us ristenuma ped ko kaattey
जवाब देंहटाएंउसकी जड़ों पे बैठ के.
जवाब देंहटाएंइक परिंदा कोइ उदास गीत गा रहा था.
--vah!
कुछ चीजें और हौसले सिर्फ इसलिए तोड़ दिए जाते रहे हैं कि वे आँखों को चुभते थे.
जवाब देंहटाएंkhoobsoorat andaaz ... sunder prastuti...
जवाब देंहटाएंकुछ पेड़ अपनी किस्मत को रोते हैं, लेकिन भावी 'किस्मतें' पेड़ों को रोयेंगी.
जवाब देंहटाएंanother fantabulous nazm. Bahut gehri baat kahi hai aapne aur kitne saadgi se....waaaah.....
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