जादू भरी ख़ुशी की तान..
एकाएक पलटा खाती है
कोई उदास साज़ बजता है ,
याद की छोटी सी लट
ज़ो तुमने कान के पीछे की थी
पलकों पे लहराती है..
यकायक,
सारे संगीत ख़त्म हो जाते है
सारा अँधेरा...
खिड़की के रास्ते कमरे में उतर आता है.
बारिश खत्म हो चुकी है कब की..
बस पत्तों से टपकता पानी
धीरे धीरे शोर कर रहा है..
एक पेड़ अभी भी भीग रहा है...
***********************
उमड़ते काले सायों के साथ,
मटमैले धब्बो वाली
उड़ती रुईं के नीचे..
चांदनी के बेतरतीब,
उनींदे तैरते टुकड़ो के बीच
गीली रेत पे..
हथेलियों पे चेहरे को टिका..
सुनुगी..
तुमसे..
मेरे लिए लिखी नज़्म..
कायनात की सारी आवाज़े,
खामोश हो जाएँगी उस लम्हे...
सुबह से ठीक पहले का आखिरी सपना..
एकाएक पलटा खाती है
कोई उदास साज़ बजता है ,
याद की छोटी सी लट
ज़ो तुमने कान के पीछे की थी
पलकों पे लहराती है..
यकायक,
सारे संगीत ख़त्म हो जाते है
सारा अँधेरा...
खिड़की के रास्ते कमरे में उतर आता है.
बारिश खत्म हो चुकी है कब की..
बस पत्तों से टपकता पानी
धीरे धीरे शोर कर रहा है..
एक पेड़ अभी भी भीग रहा है...
***********************
उमड़ते काले सायों के साथ,
मटमैले धब्बो वाली
उड़ती रुईं के नीचे..
चांदनी के बेतरतीब,
उनींदे तैरते टुकड़ो के बीच
गीली रेत पे..
हथेलियों पे चेहरे को टिका..
सुनुगी..
तुमसे..
मेरे लिए लिखी नज़्म..
कायनात की सारी आवाज़े,
खामोश हो जाएँगी उस लम्हे...
सुबह से ठीक पहले का आखिरी सपना..
कायनात की सारी आवाज़े,
जवाब देंहटाएंखामोश हो जाएँगी उस लम्हे..
बहुत खूबसूरती से लिखी आपने मन की बात
याद की छोटी सी लट
जवाब देंहटाएंज़ो तुमने कान के पीछे की थी
पलकों पे लहराती है..
............
तुम्हारी यह दुनिया बेहद हसीन है !!!!
दिल से लिखने वाले ऐसे क्यों होते हैं
जवाब देंहटाएंयाद की छोटी सी लट
जवाब देंहटाएंज़ो तुमने कान के पीछे की थी
पलकों पे लहराती है..
क्या बात है डिम्पल जी. सुन्दर.
सुंदर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
bhavpoorna rachana .........shabda shabda dil me utar gaya ...........ek achchhi rachana ke liye dhanyavaad
जवाब देंहटाएंबारिश खत्म हो चुकी है कब की..
जवाब देंहटाएंबस पत्तों से टपकता पानी
धीरे धीरे शोर कर रहा है..
...............
.कुछ तो है आपमें
जो इस कदर हर एक कविता में
रोर कर रहा है
...........सुन्दर है कविता Dimpal ji...
bahut sunder dimple.... badi baavpoorn kavita hai...
जवाब देंहटाएंयह कविता उत्कृष्ट काव्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है...मन की गहरी भवनाओं को आपने अनमोल शब्दों से सजाया है...बधाई।
जवाब देंहटाएंडिम्पल जी,
जवाब देंहटाएंवाह......वाह .......दाद कबूल फरमाएं.......खुबसूरत अहसासों को बखूबी अल्फाजों में पिरोया है..........जैसे कोई जादू भरी दुनिया.....सच कहा है..... सुबह से ठीक पहले का आखिरी सपना........शुभकामनाये|
anil kant ji ne kitna khoobsurat sawaal kiya hai..main bhi yahi soch rahi hoon :)
जवाब देंहटाएंsapne kitne apne.....sapne hai phir bhi swagat hai!!! wahh wahhh bahut khoob!!
जवाब देंहटाएंदिल की बातो को शब्दों में पिरोना बहुत खूब आता है आपको..
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत...पहली वाली कुछ ज्यादा ही
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat! hamesha ki tarah
जवाब देंहटाएंyay haseen shaam apni
जवाब देंहटाएंyay haseen shaam apni
abhi jiss meiN ghul rahi hai
teray parahan kee khushboo
abhi jiss meiN khil rahay heiN
meray khawab kay shagoofay
zera dair ka hai manzar
zera dair meiN ufq par
khilay ga koi sitaara
teri simt daik kar woh
karay ga koi ishara
teray dil ko aayay ga phir
kissi yaad ka bullawa
koi qissa-ay judaaee, koi kaar-ay naamukamal
koi khawab-ay naa shagufta, koi baat kehnay wali
humeiN chaahiyay tha milna
kissi ahad-ay mehrbaaN meiN
kissi khawab kay yaqeeN meiN
kissi aur aasmaaN par
kissi aur sarzameeN meiN
humeiN chahiyay tha milna…
parveen shakir....
बड़े ही सुन्दर ढ़ग से कही मन की बात।
जवाब देंहटाएंNice post .
जवाब देंहटाएंThe ultimate way for women दुनिया को किसने बताया की विधवा और छोड़ी हुई औरत का पुनर्विवाह धर्मसम्मत है ? - Anwer Jamal
जितना कुछ भी कहूं कम है...बहुत ही सुन्दर रचना...क्या बात है.मज़ा आ गया.. यूँ ही लिखते रहें...
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग में इस बार..
बेहतरीन,
जवाब देंहटाएंहमेशा
की
तरह
kitna theraav hai aapki lekhni main...mere mastak patal main wahi drashye chal rahe the jaisa ki aapke shabd bol rahe the,..
जवाब देंहटाएंbahut achcha likhin hain aap.
जवाब देंहटाएंitna dard-..........
जवाब देंहटाएंjordar poems hain.
कविता के पार्श्व से गहन रूमानियत के स्वर झंकृत हो रहे हैं।
जवाब देंहटाएंबड़ी मनभावन प्रस्तुति...काव्य-भाषा हृदयग्राही है।
बधाई!
Good Morning :)
जवाब देंहटाएंKya likha hai aapne...
Khoob ... bahut khoob...!!
Itne ache words hain... bus kya kahu... dil mein ghar kar liya har lafz ne :)
Regards,
Dimple
गज़ब ... बस पढ़ते ही जा रहा हूँ ... स्तब्ध हूँ ...
जवाब देंहटाएंबदलते परिवेश मैं,
जवाब देंहटाएंनिरंतर ख़त्म होते नैतिक मूल्यों के बीच,
कोई तो है जो हमें जीवित रखे है,
जूझने के लिए प्रेरित किये है ,
उसी प्रकाश पुंज की जीवन ज्योति,
हमारे ह्रदय मे सदैव दैदीप्यमान होती रहे,
यही शुभकामनाये!!
दीप उत्सव की बधाई .............
डिम्पल जी,
जवाब देंहटाएंनमस्ते!
पढ़ी-लिखी कविता है!
आशीष
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पहला ख़ुमार और फिर उतरा बुखार!!!
bahut maza aaya aapki ye dono kavitaayen padh kar.shukriya.
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