रुक गयी...
छींक यूँ आते आते मुझको.....
तूं रह गया......
याद करते करते मुझको....
किसी और ख्याल ने,
रास्ता तेरा काटा होगा.......
दैनिक राशिफल-
आज कोइ शुभ समाचार मिलेगा.....
*************************
मोती यादो के भी पिरोये है जिनमे..
टूटते नहीं अब वो प्यार के रिश्ते..
कई साल लगे थे चीन की दीवार बनने में....
छींक यूँ आते आते मुझको.....
तूं रह गया......
याद करते करते मुझको....
किसी और ख्याल ने,
रास्ता तेरा काटा होगा.......
दैनिक राशिफल-
आज कोइ शुभ समाचार मिलेगा.....
*************************
मोती यादो के भी पिरोये है जिनमे..
टूटते नहीं अब वो प्यार के रिश्ते..
कई साल लगे थे चीन की दीवार बनने में....
मोती यादो के भी पिरोये है जिनमे..
जवाब देंहटाएंटूटते नहीं अब वो प्यार के रिश्ते..
कई साल लगे थे चीन की दीवार बनने में...
AAPKI SAB RACHNAAYE ANTIM DO LAAINON MEIN MATLAB KO AUR BHI GAHRA KAR DETI HAIN ....
BAHOOT HI LAJAWAAB AUR UMDA RACHNA PADHNE KA MAZAA HI KUCH AUR HAI ... AUR VO MAZA LE RHA HN IS VAQT MAIN ....
किसी और ख्याल ने,
जवाब देंहटाएंरास्ता तेरा काटा होगा.......
बड़ी रिफ्रेशिंग सी कविता है...हमेशा की तरह.
कोइ मजबूर हालात रहे होंगे......
जवाब देंहटाएंमगर..
इक बार बताओ तो सही....
तुम
उस रोज़
आये क्यूँ नहीं???
bahut achchha hai sawal karne ka andaaj
कई साल लगे थे चीन की दीवार बनने में
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव !
मोती यादो के भी पिरोये है जिनमे..
जवाब देंहटाएंटूटते नहीं अब वो प्यार के रिश्ते..
कई साल लगे थे चीन की दीवार बनने में....
कुछ सवाल, सवाल नही होते जवाब होते है. अंतस को शब्द देने की कला आपमे है
शायद तभी तो
किसी और ख्याल ने,
रास्ता तेरा काटा होगा.......
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंRaaz aapka andaz-ae- bayan hai......ham dil haar ke ja rahe hai...:-) aur han ise chura bhi rahe hai
जवाब देंहटाएंएक और अलग अंदाज..रोजमर्रा के प्रतीकों को ले कर मन की कशमकश को बहुत प्रभावी तरीके से जोड़ा आपने..
जवाब देंहटाएंखासकर यह
किसी और ख्याल ने,
रास्ता तेरा काटा होगा.......
दैनिक राशिफल-
आज कोइ शुभ समाचार मिलेगा.....
..शुरुआती पंक्तियों मे छींक की बजाय हिचकी लिखना चाहते होगे आप..ऐसा मुझे लगा..
और अंतिम तीन पंक्तियाँ पूरी कविता की रहबर हैं या अलग सफ़र मे हैं..थोड़ा कन्फ़्यूजन सा होता है..पिछली कुछ पोस्ट्स की तरह...
रुक गयी...
जवाब देंहटाएंछींक यूँ आते आते मुझको.....
तूं रह गया......
याद करते करते मुझको....
किसी और ख्याल ने,
रास्ता तेरा काटा होगा.......
वाह......बहुत ही बढ़िया .......!!
राज जी,
जवाब देंहटाएंकई साल लगे थे चीन की दीवार बनने में....
ये भी एक ख्याल हो सकता है कविता में ...ये किसने सोचा होगा...
चौंका देती हैं आप ...हमेशा.....!!
अपने आप में यह तीन पंक्तियाँ पूरी कविता हैं ...
जवाब देंहटाएंमोती यादो के भी पिरोये है जिनमे..
टूटते नहीं अब वो प्यार के रिश्ते..
कई साल लगे थे चीन की दीवार बनने में....
किसी और ख्याल ने तेरा रास्ता रोका होगा ...खुद को खुद ही समझाने का अंदाज बहुत भाया ....चीन की दिवार से प्यार की तुलना नया कांसेप्ट है ...!!
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह लाजवाब ...!!
इन क्षणिकाओं का आनन्द लिया ।
जवाब देंहटाएंरुक गयी...
जवाब देंहटाएंछींक यूँ आते आते मुझको.....
तूं रह गया......
याद करते करते मुझको....
किसी और ख्याल ने,
रास्ता तेरा काटा होगा.......
राज जी बधाई हो बहुत नयापन लिए हैं ये पंक्तियाँ हमेशा की तरह.हमारा अभिवादन और बधाई भी स्वीकारें हमेशा की तरह
Behad Khoobsoorat!
जवाब देंहटाएंMere ek mitr aksar kehte hain:
Kuchh to majbooriyan rahee hongi!
Warna Koi yunhi bewafa nahin hota!
किसी और ख्याल ने,
जवाब देंहटाएंरास्ता तेरा काटा होगा.......
ख्यालों की खूबसूरत अभिव्यक्ति !!!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंख्याल का रास्ता काटने वाला बिम्ब मूक कर गया कई पलों के लिये। एक जलन सी भी हुई कि मैंने क्यों नहीं सोचा ऐसा...!!!
जवाब देंहटाएं"राज"...आपका नाम है?
मेरा है। मेरे करीबी दोस्त, मेरी अर्धांगिनी मुझे इसी नाम से पुकारते हैं।
तूं शर्मिंदा न होना...
जवाब देंहटाएंन आ पाने पे अपने....
कोइ मजबूर हालात रहे होंगे..
ख्यालों की खूबसूरत अभिव्यक्ति......
tinon rachanayen chhoti se magar behad vajani. bahut kuchh kah gayin. dheron badhai.
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