मैंने उसके हाथ छुए रेत रेत थे।
अभी घर बना कर लौटी होगी।
ऑंखें भीगी मैंने पोंछी। फिर बही। मैंने बहने दी ...
पूछा कहानी सुनाऊँ ? तुम्हें नींद आ जाएगी
बोली ,"कविता सुनाओ सबसे खतरनाक क्या है ये बताओ"
मैंने सांसे उसकी हल्के से दबायी। न वो हिली न ही कसमसाई
मैंने फिर पुछा ,"तुम्हारी कोई इच्छा हो तो बताओ"
उसने कहा ,"उसकी आवाज़ सुना दो "
मैं जानती थी सूना देती तो उसकी नसों का जमा लहुँ पिघल जाता
मैंने और जोर से सांसों पर हाथ रखा। उसकी आँखे अब भी उम्मीद से भरी थी
कोई राजकुमार आएगा उसके होंटो को चूम लेगा
उसने पुछा ,"क्या आएगा ?"
बेवकूफ थी बिना किनारों वाली नदी में तैरती रही
वो कभी नहीं बनना चाहती थी कोई कहानी ..
अभी घर बना कर लौटी होगी।
ऑंखें भीगी मैंने पोंछी। फिर बही। मैंने बहने दी ...
पूछा कहानी सुनाऊँ ? तुम्हें नींद आ जाएगी
बोली ,"कविता सुनाओ सबसे खतरनाक क्या है ये बताओ"
मैंने सांसे उसकी हल्के से दबायी। न वो हिली न ही कसमसाई
मैंने फिर पुछा ,"तुम्हारी कोई इच्छा हो तो बताओ"
उसने कहा ,"उसकी आवाज़ सुना दो "
मैं जानती थी सूना देती तो उसकी नसों का जमा लहुँ पिघल जाता
मैंने और जोर से सांसों पर हाथ रखा। उसकी आँखे अब भी उम्मीद से भरी थी
कोई राजकुमार आएगा उसके होंटो को चूम लेगा
उसने पुछा ,"क्या आएगा ?"
बेवकूफ थी बिना किनारों वाली नदी में तैरती रही
वो कभी नहीं बनना चाहती थी कोई कहानी ..
वाह बेहतरीन !!!!
जवाब देंहटाएंबड़े दिनों की अधीर प्रतीक्षा के बाद आज आपका आगमन हुआ है
अगर सोयी नहीं हो तो लिखना चालू करो....
जवाब देंहटाएंBecome Global Publisher with leading EBook Publishing Company(Print on Demand),start Publishing:http://goo.gl/1yYGZo, send your Book Details at: editor.onlinegatha@gmail.com, or call us: 9936649666
जवाब देंहटाएंअति भावपूरित रचना। बधाई
जवाब देंहटाएंअति भावपूरित रचना। बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और प्रभावी
जवाब देंहटाएंBahut sundar
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