
कुछ अनजाने चेहरे,
आईने के
इस पार,
कुछ उस पार.....
बीच में कुछ मीठी,
और कभी तलख होती आवाजे।
कुछ सौदे
उन सपनो के
जिनकी कोई EXR date नही।
कि कब टूट जाए।
कुछ पता नही इक latent demand की तरह।
net की दुनिया है॥
E-business है इश्क अब....
वो दरिया था जिसके किनारे बैठी रही कि भिगो देगा मुझे,
वो समुंदर होता तो लहरे उसकी भिगो जाती मुझे ।
पानी के छींटे मार ले के ये आँखे खुलें..